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धन्यवाद

जीवन में आने वाली हर परिस्थिति, व्यक्ति, समस्याओं को हमें हृदय से धन्यवाद बोलना चाहिए। जो व्यक्ति हमारे पास रहता है, वह कहीं ना कहीं हमारे हित के लिए ही होता है। अगर वह गलत कर रहा है तो भी हम कुछ उससे सीख रहे हैं। हमेशा यही उपमा दी जाती है कि कीचड़ में ही कमल खिलता है। कमल की महानता ही यह है कि कीचड़ में रहकर भी वह खिल रहा है। इसी तरह कितनी भी विषम परिस्थितियों क्यों ना हो उनका सामना करते हुए मुस्कुराते रहो। कुछ अच्छा होने की आशा रखो। आशा की एक किरण ही आपको संकटों से पार लगा सकती है।


 
 
 

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